गुरुवार, 28 मई 2009

mere hi liey

चाँद निकलता हे मेरे लिए
शायद अम्मवास भी आती हे मेरी ही लिए
चढ़ता हे सूरज मेरी लिए
अस्त भी होता हे मेरे ही लिए
चलती हे हवाए सन्न सनन मेरे लिए
गूम्मा सा होजाता हे जब रूकती हे हवाए मेरे ही लिए
मौसम आते जाते हे मेरे लिए
खिलते मुरझाते हे फूल मेरे ही लिए
बहते हे जो झरने कल कल मेरे लिए
तो रुके ठ्हेरे पानी भी हे मेरे ही लिए
उमर्ध उमर्ध आती हे घटाए गर मेरे लिए
तो छमा छम कभी रिम झिम बरसती हे मेरे ही लिए
खुश हे फिसाए उदास भी हो रहती मेरे ही लिए
सारी कायनात ही हस्ती रोटी भी हे मेरे ही लिए
जब से
बन के प्यार तुम आए मेरे लिए
गुमान न कर्रूँ में मेरे लिए
इतना न इतराऊँ में मेरे ही लिए
क्यूं में जो हूँ तो बस तुम्हारे ही लिए

pyaar

एहसास सा होने लगा हे
कोई बहुत करीब आने लगा हे
दिलू जान से चाहने लगा हे
दर सा लगने लगा हे
कुछ कुछ होने लगा हे
सोया प्यार जागने लगा हे
उमंगें अंगराई लेने लगी हैं
मन भर भर आने लगा हे
सपने दिन में दिखाने लगा हे
कोई इतने करीब आने लगा हे
दिल को धर्काने लगे हे
एहसास जगाने लगा हे
कोई बहुत प्यारा लगने लगा हे
मुझेई शायद प्यार होने लगा है