रविवार, 22 नवंबर 2009

कैसा यह अहसास मुझे अब !!

एहसास सा यह होने लगा है ।
करीब मेरे कोई आने लगा है ।।

दिल-ओ-जाँ से जैसे कि चाहने लगा है ।
कुछ प्यारा सा मीठा सा होने लगा है ॥

कुछ डर सा भी भी तो यूं लगने लगा है ।
कि सोया था अब तक वो प्यार जगने लगा है ।।

उमंगें, अंगडाइयां लेने लगी हैं ।
और मन भी भर भर के आने लगा है ॥


कोई क्यों इतने नज़दीक़ आने लगा है ।
क्यों दिन में सपने दिखाने लगा है ॥

क्यों मासूम दिल को धडकाने लगा है ।
क्यों एहसास मीठा वो जगाने लगा है ॥

शायद वो प्यारा सा लगने लगा है ।
या शायद मुझे प्यार होने लगा है ॥