एहसास सा यह होने लगा है ।
करीब मेरे कोई आने लगा है ।।
दिल-ओ-जाँ से जैसे कि चाहने लगा है ।
कुछ प्यारा सा मीठा सा होने लगा है ॥
कुछ डर सा भी भी तो यूं लगने लगा है ।
कि सोया था अब तक वो प्यार जगने लगा है ।।
उमंगें, अंगडाइयां लेने लगी हैं ।
और मन भी भर भर के आने लगा है ॥
कोई क्यों इतने नज़दीक़ आने लगा है ।
क्यों दिन में सपने दिखाने लगा है ॥
क्यों मासूम दिल को धडकाने लगा है ।
क्यों एहसास मीठा वो जगाने लगा है ॥
शायद वो प्यारा सा लगने लगा है ।
या शायद मुझे प्यार होने लगा है ॥
5 टिप्पणियां:
ताजा हवा के एक झोंके समान--अच्छी रचना। बधाई।
नैसर्गिक सौन्दर्य से लबालब अनुभूति !!
Pyar bhari baat ka koi uttar hota hai kya agar hota hai to sirf pyar bahut sara pyar
Pyar bhari baat ka koi uttar hota hai kya agar hota hai to sirf pyar bahut sara pyar
Pyar bhari baat ka koi uttar hota hai kya agar hota hai to sirf pyar bahut sara pyar
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