ना तेरे आने की खबर
ना जाने का सबब
दिल कांप उठा है सीने में
जब जब तेरी याद आती है
नए तेरे पाने की ख़ुशी
ना जुदाई का है गम
बस यूंही आन्हें भरा करें हम
जब जब अँधेरे चने लगते हैं
ना हो सके हम ही तेरे
ना ही तू हुआ हमारा
पर तेरा किस और का हो जाने
नहीं इस जिंदगी को गवारा
ना मंजिल है कोई
ना कोई हमराह -इ रकीबा
बस यूंही धारका करे गा
यह दीता उम्र आवारा
ना माय ना साकी ना मैखाना
लाबून तक पहुँचने से पहले ही
छलक गया मेरा पैमाना
बस इतना बता दे मुझे ना खुदा
क्या यही है नसीब मेरा
जलना और जलना बस
जाल जल के ख़ाक हो रहना
की अभी है कुछ बाकि
मेरे हिस्से की
तेरे मैखाने में मेरे खुदा
शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009
diwali
दूर से देखा जो सेहर अपना
लगा गगन जमी पर उतर आया है
मिलने को जमीं से
जिधर देखूं रात सजी है
दुल्हन सी
हर दिल टिमटिमा रहा है
रोशन हो प्यार में
ख़ुशी से हर घर महक रहा
हर आंगन जुटा है पूजा में
हर एह्लीज पर
ज्योति आमंत्रण की जगी है
मीठअ सा हो रहा है मन आज
सभी की रूह में मनो रागुले पफूट रहे हूँ
सज सवर्ण कर इंसानियत
मिल रही है गले इक दूजे के
तोफे मिअलं के
ले ले कर बैठे हें सभीi
कुछ ऐसा नजारा बन रहा है
मनो राम राज लौट आया हो आज
हर घर में ख़ुशी के दीप जले हैं
आज दीपावली आई खुशिओं भरी
लगा गगन जमी पर उतर आया है
मिलने को जमीं से
जिधर देखूं रात सजी है
दुल्हन सी
हर दिल टिमटिमा रहा है
रोशन हो प्यार में
ख़ुशी से हर घर महक रहा
हर आंगन जुटा है पूजा में
हर एह्लीज पर
ज्योति आमंत्रण की जगी है
मीठअ सा हो रहा है मन आज
सभी की रूह में मनो रागुले पफूट रहे हूँ
सज सवर्ण कर इंसानियत
मिल रही है गले इक दूजे के
तोफे मिअलं के
ले ले कर बैठे हें सभीi
कुछ ऐसा नजारा बन रहा है
मनो राम राज लौट आया हो आज
हर घर में ख़ुशी के दीप जले हैं
आज दीपावली आई खुशिओं भरी
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