शनिवार, 25 दिसंबर 2010

आपकी याद आती रही .. ..
धड़क रही अनगिन धड़कन, पर हरदिन याद तुम्हारी है
साँसे अनगिन आती जाती पर खुशबू एक तुम्हारी है
आंसू की लडियां बह निकली और हर इक बूँद तुम्हारी है
मेरी यादों की दुनिया में, प्रिय प्रीतम याद तुम्हारी है

ज़ज्बातों का दौर चल पडा हर ज़ज्बात तुम्हारे हैं
अहसानों का भार बड़ा और हर अहसास तुम्हारा है
यूं दुनिया में संगी सब, पर सब संगी कहने को हैं
तरस गई अखियाँ तुम बिन, हर सपना सजन तुम्हारा है

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

सैंया मेरे !

सैंया मेरे !
मेरे गीतों के बोल
मुझे लौटा दे
मेरे आंखों के सपने
लौटा दे
लौटा दे मेरी नींदे
रातों की
मेरी सेज मुझे लौटा दे
मेरे सैंया
लेले मेरे दिन,
मेरी रातें भी ले ले
पर
लौटा दे मेरे वो मौसम सुहाने
लौटा दे
लौटा दे
चाहे ले ले दौलत सारी
लूट भले ले सभी खजाने

पर मुझ को मेरी यादें
लौटा दे
लौटा दे
सैंया मेरे

मुझ से साँसे ले ले मेरी
धक धक करता दिल भी ले ले
पर तू मुझको मेरे
अटके प्राण अभी लौटा दे
सैंया मेरे
तू मेरी सब सखियाँ ले ले
ले ले सारे सगे बिराने
लौटा दे तू मीत मेरा
प्रीत मेरी भी तू लौटा दे

मेरे सैंया
चाहे ले ले खुशियाँ सारी
लूट ले होठों की मुस्काने
लौटा दे मेरे दर्दों को
और दुआ भी सब लौटा दे
तुझ बिन नीरस निष्फल जीवन
तू लौटा दे मुझ को आहें
सिसकी आह सभी लौटा दे

सैंया मेरे
तू मेरी सब सखियाँ ले ले
ले ले सारे सगे बिराने
बस इक रिश्ता मेरा प्यार था
तेरे पास है अब लौटा दे

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

दिन है पर किरणे बुझी बुझी
हवा भी बोझिल थकी थकी
मायूस पेड़ भी झुके झुके
पत्ते कुम्हलाए झरे झरे
फूल उनींदे थके थके
वीरानापन, जग भर पसरा
सन्नाटा ही सन्नाटा
दिन ऊंघ रहे गलियारों में
रातें उनींदी जगी जगी
बिसर गए प्रीतम तुम जब से
मौसम कितना वीराना है ..