साजन की धडकन का गीत
 
बन के धड़कन, तेरे दिल में, धडका करूँ
रूह बन कर, तेरे तन में, बसती रहूँ ॥
 
बन के दृष्टि,     समाऊँ,     तेरे नैन में
तेरी नज़रों से, दुनिया,  यूँ देखा करूँ ॥
मैं जो छू लूं,  तो सिहरन, तेरी बन रहूँ
तू जो छू ले, तो निस दिन, ही महका करूँ ॥
 
तू जो बोले,  तो निकले,   मेरे बोल ही
जब भी बोलूँ, तेरी बातें,  बोला करूँ ।।
 
पास बैठूँ, तेरे तो, सखा भाव से,
तेरी संगी बनूं  और  सखी हो  रहूँ ॥
औढे तू जो, अगर, बन जाउँ  औढनी
बिछ जाउँ,    तेरे तल,   बिछौना बनूँ ॥
तू चले तो,   चरण में खडाऊ बनूँ
तेरी सांसें बनूं,     संग हमेशा रहूँ ।।
 
