मिल जाये जो आज मन मरे
तो फूछूं उससे
कहाँ खोया रहता हे आज कल
ध्यान पर जो पर जाए नजर आज मेरी
तो खबर लूं उस की भी
की किधर की उर्धान भर रहा हे आल कल
कदम जो थम जी थम पल भर को
तो करून सवाल उन से में
की उठते हैं किस की और जाने आककल
कलम को रोके के कहा मेने
के काया लिखती र्हिरती इ किस किस से बातें करती रहती हे आज कल
मन ने कहा तेरे ससाथ
ध्यान बोला तेरे पास
कदम भी चले तेरी और
कलम ने कहा तेरे बिन नहीं कोई और
शनिवार, 30 मई 2009
mere ban
रागुन में दौरते फिरते हो रकत बन
चल रहे हो संग मेरे वक़्त बन
मस्तिक्ष में रहतो होमर ध्यान बन
सांससून में चलते हो जान बन
थामा हे हाथ मेरा मेरी आन बन
रहते हो साथ मेरे मेरी आन बन
चहरे पर टिके हो मेरा नूर बन
इतराती हूँ में भी तेरी हूर बन
ओंथूं पे रहते हो सदा अ मुस्कान बन
ता उम्र रहना न एक एहसान बन
त्रिपत करते हो इक सची आस बन
उमीदें जगाए हो मेरी प्यास बन
साथ देते हो मेरा मेरे यार बन
सहलाते हो मुझे मेरा प्यार बन
संग से तुम्हारे खिल रहती हूँ बहार बन
समर्पित हूँ में साचा इकरार बन
बदन में बस गए हो मेरी छूं बन
दिल चाहे रहूँ तेरी दुल्हन बन
चल रहे हो संग मेरे वक़्त बन
मस्तिक्ष में रहतो होमर ध्यान बन
सांससून में चलते हो जान बन
थामा हे हाथ मेरा मेरी आन बन
रहते हो साथ मेरे मेरी आन बन
चहरे पर टिके हो मेरा नूर बन
इतराती हूँ में भी तेरी हूर बन
ओंथूं पे रहते हो सदा अ मुस्कान बन
ता उम्र रहना न एक एहसान बन
त्रिपत करते हो इक सची आस बन
उमीदें जगाए हो मेरी प्यास बन
साथ देते हो मेरा मेरे यार बन
सहलाते हो मुझे मेरा प्यार बन
संग से तुम्हारे खिल रहती हूँ बहार बन
समर्पित हूँ में साचा इकरार बन
बदन में बस गए हो मेरी छूं बन
दिल चाहे रहूँ तेरी दुल्हन बन
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