शनिवार, 25 दिसंबर 2010

आपकी याद आती रही .. ..
धड़क रही अनगिन धड़कन, पर हरदिन याद तुम्हारी है
साँसे अनगिन आती जाती पर खुशबू एक तुम्हारी है
आंसू की लडियां बह निकली और हर इक बूँद तुम्हारी है
मेरी यादों की दुनिया में, प्रिय प्रीतम याद तुम्हारी है

ज़ज्बातों का दौर चल पडा हर ज़ज्बात तुम्हारे हैं
अहसानों का भार बड़ा और हर अहसास तुम्हारा है
यूं दुनिया में संगी सब, पर सब संगी कहने को हैं
तरस गई अखियाँ तुम बिन, हर सपना सजन तुम्हारा है