तेरी याद !!
नंगे पावँ
बिन आहट
चुप चाप चली आती है
सुब्ह सवेरे
मेरी नीद के द्वारे पर
दस्तक दे मुझे जगाती है
मेरी अंखियों से
चुपके से
नींद चुरा ले जाती हे
मन के वसूने कोने में
मीठी सी
गुदगुदी सी कर जाती हे
कानों में धीरे से
प्यार के बोल
फुसफुसाती है
कर आलिंगन
चूम गले को
बालों को सहलाती है
हर पल दिल को
और रूह को
नाजुक सा छू जाती है
कभी सिरहाने बैठ देखती
कभी जगा, मुझ से बतियाती है
तेरी याद
दिन भर यूं ही
मेरा साथ निभाती है
फिर थक कर
मेरे तकिए पर
सर रख रात बिताती है
नींद उनींदी,
याद रात भर
सुख सपने दिखलाती है
फिर सुबह सवेरे
चुपके से आ
सहला मुझे जगती है
जब तुम जाते हो
पल पल भारी
यादें बहुत सताती है
जाने को तो तुम जाते हो
याद यहीँ रह जाती हैं
मुझको बहुत सताती है ।
नंगे पावँ
बिन आहट
जाती हैं - आती है ।
सोमवार, 15 मार्च 2010
शुक्रवार, 12 मार्च 2010
साजन की धडकन का गीत
साजन की धडकन का गीत
बन के धड़कन, तेरे दिल में, धडका करूँ
रूह बन कर, तेरे तन में, बसती रहूँ ॥
बन के दृष्टि, समाऊँ, तेरे नैन में
तेरी नज़रों से, दुनिया, यूँ देखा करूँ ॥
मैं जो छू लूं, तो सिहरन, तेरी बन रहूँ
तू जो छू ले, तो निस दिन, ही महका करूँ ॥
तू जो बोले, तो निकले, मेरे बोल ही
जब भी बोलूँ, तेरी बातें, बोला करूँ ।।
पास बैठूँ, तेरे तो, सखा भाव से,
तेरी संगी बनूं और सखी हो रहूँ ॥
औढे तू जो, अगर, बन जाउँ औढनी
बिछ जाउँ, तेरे तल, बिछौना बनूँ ॥
तू चले तो, चरण में खडाऊ बनूँ
तेरी सांसें बनूं, संग हमेशा रहूँ ।।
बन के धड़कन, तेरे दिल में, धडका करूँ
रूह बन कर, तेरे तन में, बसती रहूँ ॥
बन के दृष्टि, समाऊँ, तेरे नैन में
तेरी नज़रों से, दुनिया, यूँ देखा करूँ ॥
मैं जो छू लूं, तो सिहरन, तेरी बन रहूँ
तू जो छू ले, तो निस दिन, ही महका करूँ ॥
तू जो बोले, तो निकले, मेरे बोल ही
जब भी बोलूँ, तेरी बातें, बोला करूँ ।।
पास बैठूँ, तेरे तो, सखा भाव से,
तेरी संगी बनूं और सखी हो रहूँ ॥
औढे तू जो, अगर, बन जाउँ औढनी
बिछ जाउँ, तेरे तल, बिछौना बनूँ ॥
तू चले तो, चरण में खडाऊ बनूँ
तेरी सांसें बनूं, संग हमेशा रहूँ ।।
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