शनिवार, 30 मई 2009

mere ban

रागुन में दौरते फिरते हो रकत बन
चल रहे हो संग मेरे वक़्त बन
मस्तिक्ष में रहतो होमर ध्यान बन
सांससून में चलते हो जान बन
थामा हे हाथ मेरा मेरी आन बन
रहते हो साथ मेरे मेरी आन बन
चहरे पर टिके हो मेरा नूर बन
इतराती हूँ में भी तेरी हूर बन
ओंथूं पे रहते हो सदा अ मुस्कान बन
ता उम्र रहना न एक एहसान बन
त्रिपत करते हो इक सची आस बन
उमीदें जगाए हो मेरी प्यास बन
साथ देते हो मेरा मेरे यार बन
सहलाते हो मुझे मेरा प्यार बन
संग से तुम्हारे खिल रहती हूँ बहार बन
समर्पित हूँ में साचा इकरार बन
बदन में बस गए हो मेरी छूं बन
दिल चाहे रहूँ तेरी दुल्हन बन

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