शनिवार, 13 जून 2009

ik yaad

इक याद मेरी है, पास तेरे..
रख लेना संभाल कर
टूट न जाए सपना बन कर
रख लेना दिल के किसी कोने में
भूल न जाना यहाँ वहाँ रख कर
इक याद मेरी है, पास तेरे...
रख लेना पलकें बन कर
कहीं टूट न जाएं सपना बन कर
इक मेरी है पास तेरे रख लेना रूह में ढक कर

चुरा न ले जाए कोई अपना बन कर
इक याद मेरी है पास तेरे
रख लेना अपनी चाह भर कर
कहीं छीन न ले जमाना दुश्मन बन कर
थामे रहना हाथों में कस कर
कहीं मजबूरियाँ उड़ा न ले जाएं तूफ़ान बन कर
इक याद मेरी है, पास तेरे ...
ओढे रहना उसे हर पल
कोई उठा न ले जाए छल कर
इक याद मेरी है, पास तेरे ...
मिलना उस से रोज़ हर पल
अधूरी न रह जाए कहीं अरमान बन कर

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