जिंदगी
बहुत खूब और अजीब होती है जिंदगी ।
रहती तो है करीब पर न होती है कभी ॥
चलती है साथ साथ साए सी ज़िन्दगी ।
मगर बहुत दूर सी लगती है जिंदगी ॥
आज इस के पास है तो कल उस के पास ।
क्यूँ न कर सकी वफ़ा मुझ से ही मेरी जिंदगी ।
कर के वादा भूल कयों गई मुझे ये जिंदगी ॥
देखना रूठ ना जाना कहीं मुझ से एह जिंदगी
यूं हिकभी जो मूह फेर लिया तुने
तो मौत के घर चली जाए गी यह डोली मेरी
एह जिंदगी