में तो जानू बस एक ही रंग 
 प्यार का रंग लाल गुलाल 
ना वीर रस ना भद्र रस 
में तो जानू बस सिंगार रस 
मेरे प्यारे प्यारे प्रीतम का रंग 
अपने प्यारे का रंग 
लाल गुलाल 
सुनते ही नाम होली का 
में तो बस अपने कान्हा ही होली 
 में प्रहलाद की होली 
रंगों किहोली में 
में अपने प्रीतम की होली 
लो आई होली आज लो आई होली 
 भांग चदा कर 
ढोल बजा कर 
 मुह पर मल कर गुलाल 
घूम घूम कर गली गली नाच नकच कर 
कर के हाल बे हाल 
लो आज आई रे होली 
लो होली आई रे आज 
देखा इधर और देखा उधर 
सबकी बदली है आज चाल 
बचे बुद्धे जवान सभी 
सूझवान अल्हध हो या हो नादाँ 
ले कर हाथूं में रंग 
हरा हो या हो लाल
सभी मिल रहे गले लगें सब खुश हाल 
गली गली भागती दौरती
 अभी इस गली तो अभी उस गली होली
 रे होली 
लो आई रे होली 
होली आई रे आज 
पर इस बीच कयूं कर में भूलूँ
 उस अपने को
 जो है मेरा लाल गोपाल
कर  के उस का ध्यान में आज 
कयूं ना में उस की होली 
लो में तो होली जी 
 उस अपने की होली 
आओ सब मिल कर गले ले कर हथून में गुलाल 
चलें उस के घर जहाँ हेई बसा हमारा लाल गोपाल 
मिल कर अपने प्रीतम से 
कर  लें आज हाल बे हाल 
कयूं के 
लाली मेरे लाल की जित  देखूं तित लाल 
लाली देखन में गई मेंन भी हो गई लाल 
 हम सब को होली के इस सुब्ह अवसर पर ढेरों सुब्ह कामनाएं 
 
 
